36 भीड़ कै बिदा कन्नै के बाद चेला ईसु कै उसई किसती मै ले गए, जिसमै बौ बैठो भओ हो, दूसरी किसती बी उनके संग चली।
जब ईसु किसती मै चढ़ो तौ, उसके चेला बी उसके पीछे हो लए।
और भीड़ के मारे ईसु नै अपने चेलौ सै कैई, कै बे उसके ताँई एक छोटी किसती तईयार रक्खैं जिस्सै भीड़ बाकै दबा ना सकै।
बौ फिर झील के किनार उपदेस देल लगो, और ऐंसी बड़ी भीड़ बाके धौंरे इखट्टी हो गई, कै बौ झील मै एक किसती मै चढ़कै बैठ गओ और सैरी भीड़ जमीन मै झील के किनार खड़ी रैहई।
उसई टैम अचानक बड़ी तेज आँधी चली, लहर इतने जोर सै किसती सै टकरा रई हीं कै बौ पानी सै भरी जा रई ही।
और जैसेई ईसु किसती सै उतरो तौ तुरन्त एक आदमी जिसमै दुसट आत्मा ही कबरिस्तान सै लिकरकै उसके धौंरे आओ।
जब ईसु किसती सै झील के उस पार फिर पौंचो, तौ झील के किनारे बाके धौंरे एक भौत बड़ी भीड़ इखट्टी हो गई।
इसताँई बे किसती मै चढ़कै किसी सुनसान जघै मै अगल चले गए।
फिर एक दिन ईसु और बाके चेला किसती मै चढ़े, और बानै उनसै कैई कै, “आऔ, झील के पल्ली पार चलैं”