तब बड़े पुजारी नै अपने लत्ता फाड़कै कैई, “जानै परमेसर की बुराई करी है, अब हमकै गभाऔ की जरूरतई काए है? अबी-अबी तुम लोगौ नै जाकै परमेसर की निन्दा करते सुनो है।
ईसु तुरन्त अपने मन मै जान गओ कै बे अपने मनई मन का सोच रए हैं, और ईसु नै सास्तरी पंडतौ सै कैई, “तुम अपने अपने मन मै इस बात के बारे मै ऐंसे काए सोच रए हौ?
यहूदिऔं नै बाकै जबाब दओ, “हम अच्छे काम के ताँई तेरे ऊपर पत्थर ना मारै हैं, पर परमेसर की बुराई कन्नै के कारन, और इसताँई बी कै तू आदमी होकै अपने आपकै परमेसर बताबै है।”