कैसेकै हम बी पैले, मूरख और आगियाँ ना माननै बारे, और भरम मै पड़े भए और हर तरै की बुरी बासनाऔ और सुकबिलास के गुलाम हे, बैरभाव, जरन और नफरत कन्नै मै जिन्दगी बिता रए हे, हम सै लोग नफरत करै हे, और हम बी एक दूसरे सै बैर रक्खै हे।
का तुम पबित्तर सास्तर की जा लिखी भई बात कै बेकार समजौ हौ? जो आत्मा परमेसर नै हमरे भीतर दई है, बौ हम सै पूरी इच्छा रक्खै है कै हम बिसवासजोग बने रैह।
हमकै कैन के हाँई ना बन्नो चँईऐ, जो दुसट की ओर सै हो और जिसनै अपने भईया कै जान सै मारो हो। बानै अपने भईया कै जान सै काए मारो? कैसेकै कैन के काम बुरे हे और बाके भईया के काम अच्छे हे।