12 बिना खमीर की रोटी के तौहार के पैले दिन, जब फसै के मैमना की बलि चढ़ाई जाए करै ही, उसके खास चेलौ नै उस्सै पूँछी, “तू कहाँ चाँहै है कै हम जाकै तेरे ताँई फसै की रोटी खानै की तईयारी करैं?”
फसै को तौहार और बिना खट्टे चून की रोटी को तौहार, आनै सै दो दिन पैले की बात है, मुक्ख पुजारी और सास्तरी ईसु कै छल सै गिरप्तार कन्नै और मार डान्नै की तरकीब ढूंड़ रए हे।