1 फिर बौ दासतान मै उनसै बात करल लगो कै, “किसी आदमी नै अंगूर को बगीचा लगाओ, और उसके चारौ लंग बेड़ा बांधी, और उसमै रस को कुन्ड खुदबाओ और पक्को मचान बनबाओ, और कुछ किसानौ कै उसको ठेका देकै दूसरे मुलक चलो गओ।
“एक और दासतान सुनौ: एक जमीदार हो। बानै अंगूरौं को एक बगीचा लगाओ और बाके चारौ लंग बेड़ा कर दई। फिर अंगूरौं को रस लिकान्नै के ताँई बानै एक गड्ढा खोदो और बाके ऊपर पक्को मचान बनबाओ, तब बाको ठेका किसानौ कै देकै बौ परदेस चलो गओ
अबी कोई जादा टैम ना बीतो हो, कै छोटे लौंड़ा नै अपनी सैरी जायदात समैटी और किसी दूर मुलक कै चलो गओ और बहाँ कुकरम और गंदे कामौ मै अपनी सैरी जायदात बरबाद कर डारी।
ईसु नै उनसै कैई, “तुमकै परमेसर के राज के भेदौं की समज देई गई है, पर औरौं कै दासतानौ मै सुनाओ जावै है, जिस्सै बे देखते भए बी ना देखैं, और सुनते भए बी ना समजैं।
और जौ बौई मूसा है जिस्सै सिने पहाड़ मै सुरगदूत नै बात करी। बौई मूसा हमरे बापदादौं की मंडली के संग बियाबान मै हो और बाई नै हमकै सुनानै के ताँई परमेसर सै जिन्दे बचन पाए।