13 थोड़ी दूर उसकै अंजीर को एक हरो भरो पेड़ दिखाई पड़ो, जौ देखनै के ताँई बौ पेड़ के धौंरे पौंचो कै सायद उसकै कुछ फल मिल जाँय, पर जब बौ बहाँ पौंचो तौ उसकै पत्तौ के सिबा कुछ ना मिलो, कैसेकै फल को मौसम ना हो।
बौ रस्ता के किनार अंजीर को पेड़ देक्कै उसके धौंरे गओ, पर उसकै उसमै पत्तौ के सिबा कुछ ना मिलो। तब बानै पेड़ सै कैई, “तैमै फिर कबी फल ना लगैं!” और उसई बखत अंजीर को बौ पेड़ सूक गओ।