कै अन्धे देख रए हैं, लंगड़े चल रए हैं, कोढ़ी सुद्द करे जा रए हैं, बैहरे सुन रए हैं, मुरदे जिन्दे करे जा रए हैं, और कंगालौ कै अच्छी खबर सुनाई जा रई है।
उनसै कैई, “जो मेरे नाम मै इस बालक को सुआगत करै है, बौ मेरो सुआगत करै है और बौ बाको बी सुआगत करै है, जिसनै मैं भेजो हौं। तुम्मै सै जो सबसै छोटो है, बौई सबसै बड़ो है।”
कै तू उनकी आँखौ कै खोलै जिस्सै कै बे लोग इन्धेरे सै उज्जेरे की ओर आँय और जो सैतान के फंदा मै फसे पड़े हैं, उनकै तू परमेसर के राज मै लेकै आय जिस्सै कै उनके पाप माफ हौं, और परमेसर के छाँटे भए बिसवासी लोगौ मै बे अपनी जघै बनाऐ।’