उस टैम सै ईसु अपने चेलौ कै बताल लगो कै, “मैंकै ऐरूसलेम जानो होगो, बुजरग यहूदी मुखियौं, मुक्ख पुजारिऔं और सास्तरिऔं की ओर सै भौत दुख उठानो, मार डारो जानो और तीसरे दिन जी उठनो होगो।”
तब कुछ लोग उसके ऊपर थूकल लगे और उसकी आँखौ मै पट्टी बांधकै जौ कैते भए उसकै घूंसा मारल लगे, “अगर तूई परमेसर को सच्चो सन्देसो दैनै बारो है, तौ बता तेकै किसनै मारो?” सिपाई नै बाकै पकड़कै चाँट मारे।
कैसेकै बौ सिरप अपने खास चेलौ कै सिका रओ हो। ईसु नै उनसै कैई, “आदमी को लौंड़ा, आदमिऔ के हवाले धोके सै पकड़बाओ जागो और बे उसकै मार डारंगे। मारे जानै के तीन दिन बाद बौ जी उठैगो।”
और उस्सै कैई, “हर एक आदमी पैले बढ़िया अंगूर को रस देवै है, और जब लोग पीकै छक जावै हैं, तौ घटिया बारो। पर तैनै तौ अब तक बढ़िया अंगूर को रस बचाकै रखर खाऔ है।”