जब घर के मालिक नै उठकै मौहड़ो बंद कर दओ है, और तुम बाहार खड़े होकै किबाड़ खटखटाकै कैललगौ, ‘हे परभु, हमरे ताँई किबाड़ खोल दे, और बौ जबाब दे, मैं तुमकै ना जानौ हौं, तुम कहाँ के हौ?
ईसु नै जबाब देते भए उस्सै कैई, “अगर तू परमेसर के बरदान कै जानती और जौ बी जानती कै बौ कौन है जो तुस्सै कैबै है, मैंकै पानी पिबा, तौ तू बासै माँगती और बौ तेकै जिन्दगी को जल देतो।”
बगैर बिसवास के परमेसर कै खुस कन्नो नामुमकिन है। कैसेकै जो परमेसर के धौंरे आवै है बाके ताँई जौ बिसवास कन्नो जरूरी है, कै परमेसर है और जो बाकै ढूंड़ै है उनकै बौ ईनाम देवै है।