“पबित्तर चीज कुत्तौ कै मत दो कहीं ऐंसो ना हो कै बे पलट कै तुमकै फाड़ डारैं। और अपने मोती सूअरौ के अग्गे मत फैंकौ। कहीं ऐंसो ना हो कै बे उनकै अपने पाँऐऔं तले खूँदैं।
बानै उनसै कैई, “तुम मेरे ऊपर जौ कहाबत जरूर कैऔगे, कै हे बैद, अपने आपकै ठीक कर, कै जो कुछ हमनै सुनो है कै कफरनहूम मै तैनै करो है बाकै हिंया अपने मुलक मै बी कर।”
तौ अपने भईया सै तू कैसे कैह सकै है, ‘भईया, तू अपनी आँख को तिनका मैंकै लिकारन दे, जबकि तू अपने आँख के लट्ठा कै ना देख रओ है,’ अरे कपटी, पैले अपनी आँख को लट्ठा दूर कर, तब तेकै अपने भईया की आँख को तिनका बाहार लिकारनै के ताँई दिखाई दे सकैगो।