20 इसताँई उनके फलौ सै तुम उनकै पैचान जाऔगे।
“अगर पेड़ कै अच्छो कैऔ, तौ बाके फल कै बी अच्छो कैऔ, या पेड़ कै निकम्मो मानौ तौ बाके फल कै बी निकम्मो मानौ, कैसेकै पेड़ तौ अपने फल सैई पैचानो जावै है।
उनके फलौ सै तुम उनकै पैचान लोगे, का काँटौ सै अंगूर या कटीली झाँड़िऔं सै अंजीर तोड़े जावै हैं?
हर एक पेड़ अपने फल सैई जानो जावै है। लोग काँटे बारी झाँड़िऔं सै अंजीर ना तोड़ै हैं। और नाई किसी काँटे बारी झाँड़ी सै लोग अंगूर तोड़ै हैं।
इसताँई मैं तुमसै जौ कैबौ हौं कै, इन आदमिऔ सै दूर रौह और उनसै कुछ बी मतलब ना रक्खौ, कैसेकै अगर जे काम आदमी की ओर सै हैं तब तौ जे खतम हो जांगे।
मेरे भईयौ का अंजीर के पेड़ मै जैतून, और अंगूर की बेल मै अंजीर के फल लग सकै हैं? बैसेई खारे सोत सै मीठो पानी ना लिकर सकै है।