1 “दोस ना लगाऔ, जिस्सै तुमरे ऊपर बी दोस ना लगाऔ जाय।
कैसेकै जिस तरै तुम दोस लगाबौ हौ, उसई तरै तुमरे ऊपर बी दोस लगाऔ जागो और जिस नाप सै तुम नापौ हौ, उसई सै तुमरे ताँई बी नापो जागो।
हे पाखंडी! पैले तू अपनी आँख को लट्ठा लिकार, फिर तू ठीक तरै सै देख सकैगो और अपने भईया के आँख को तिनका लिकार सकैगो।
“किसी को बी नियाय कन्नै बारे ना बनौ, तौ परमेसर बी तुमरो नियाय ना करैगो। किसी कै दोसी ना बनाऔ, तौ तुमकै बी परमेसर दोसी ना बनागो, माफ करौगे तौ, तुमकै बी परमेसर माफ करैगो।
तू अपने भईया के आँख के तिनका कै काए देखै है, तेकै अपनी आँख को लट्ठा ना सूजै है?
पर जब बे बेरमबेरा बासै पूँछते रए, तौ बानै सीदो खड़ो होकै आदमिऔ सै कैई, “तुम्मै सै जिसनै पाप ना करो है बौई सबसै पैले इस बईयर कै पत्थर मारै।”
हे मेरे भईयौ, तुम्मै सै भौस्सेऔ कै गुरूजी बन्नै की इच्छा ना कन्नी चँईऐ, कैसेकै तुम जानौ हौ कै हम सिकानै बारौ सै और बी जादा सकताई सै नियाय करो जागो।