बासै कैललगे, “का तू सुनै है कै जे का कैरए हैं?” ईसु नै उनसै कैई, “हाँ सुनौ हौं, का पबित्तर सास्तर मै तुमनै ना पढ़ो, तैनै बड़े बालकौ और दूद पीते बालकौ तक सै गुनगान करबाओ है?”
ईसु नै उनसै कैई, “का तुमनै पबित्तर सास्तर को जौ बचन ना पढ़ो? राजमिस्तरिऔ नै जो पत्थर बेकार समजकै लिकार दओ हो बौई कौने को पत्थर बन गओ। जौ परभु को काम है, जो हमरी नजरौ मै अचम्बे को है।
ईसु नै उसकै जबाब दओ, “कै पबित्तर सास्तर मै लिखो है, “आदमी सिरप रोटी सैई जिन्दो ना रैहगो पर हर एक उस बचन सै जो परमेसर के मौह सै लिकरै है जिन्दो रैहगो।”
तौ तुम अब परमेसर कै काए परखनै की सोचौ हौ और दूसरे जाति के बिसवासी लोगौ की गरदन मै ऐंसो भारी जुआ काए रक्खो हौ, जिसकै ना तौ हम उठा सकै हैं और नाई हमरे पूरबज?