4 और उनौनै आपस मै सला करी कै हम किस तरै ईसु कै धोके सै पकड़ लैं और मरवा डारैं।
तब फरीसी बहाँ सै चले गए और उसकै मारनै के ताँई कोई तरकीब सोचल लगे।
“अरे साँपौ और साँपौ की औलादौं! तुम लोग नरक की सजा सै कैसे बचौगे?
फसै को तौहार और बिना खट्टे चून की रोटी को तौहार, आनै सै दो दिन पैले की बात है, मुक्ख पुजारी और सास्तरी ईसु कै छल सै गिरप्तार कन्नै और मार डान्नै की तरकीब ढूंड़ रए हे।
और उसी दिन सै बे बाकै मार डान्नै की साजिस बनाल लगे।
“ओ धोको, कपट कन्नै बारे सैतान की औलाद, तू सिगरे अच्छे काम को दुसमन है। का तू परभु के सच्चाई के कामौ कै बिगाड़नो ना छौड़ैगो?
बानै हमरे बापदादौं के संग चालाँकी करी और भौत बुरो बरताब करो और उनकै अपने बालकौ कै मारनै के ताँई मजबूर करो जिस्सै कै बे जिन्दे ना रैंह।
पर मैं इसताँई डरौ हौं कै जैसे साँप नै हब्बा कै चालाँकी सै बैहकाओ हो, बैसेई कहीं तुमरे सच्चे मन और जो पियार तुम मसी सै करौ हौ बासै तुमकै भटका ना दै।