13 ईसु नै उनकै जबाब दओ, “तुमई उनकै खानै कै दो,” उनौनै कैई, “हमरे धौंरे तौ पाँच रोटी और दो मच्छी के अलाबा कुछ बी ना है, पर हाँ, अगर हम जाकै इन सब लोगौ के ताँई रोटी मोल लैं, तौ हो सकै है।”
जब दिन छिपल लगो, तौ भेजे भए बारौंह चेलौ नै आकै उस्सै कैई, “भीड़ कै बिदा कर, जिस्सै बे आस पास के गामौ और बस्तिऔं मै जाकै रैहनै और खानै को इन्तजाम कर सकैं, कैसेकै हिंया तौ हम लोग सुनसान जघै मै हैं।”