जहाँ कहीं बौ दुसट आत्मा उसके ऊपर आवै है बहीं पटक देवै है और लौंड़ा मौह सै झाग लिकारल लगै है और दाँत कटकटाते भए ऐंठ जावै है और मैंनै तेरे चेलौ सै कैई कै बे उसकै लिकार दैं, पर बे लिकार ना सके।”
तौ बहीं एक बईयर ही जिसमै अठारै साल सै एक कमजोर कन्नै बारी गंदी आत्मा चिपटी पड़ी ही, जिस्सै बौ कुबड़ी हो गई ही, और किसी तरै सै सीदी खड़ी ना हो सकै ही।
ईसु जैसेई जमीन मै उतरो, बा सैहर को दुसट आत्माऔ सै घिरो भओ एक आदमी बाके धौंरे आओ। जो भौत दिनौ सै ना तौ लत्ता पैहरै हो और ना घर मै रैहबै हो, बौ कबरौं मै रैह करै हो।
और बाई बखत मै लोग एक जलम के लंगड़ा कै ला रए हे। बे बाकै हर रोज मन्दर के बा मौहड़े मै बिठा देवै हे जिसको नाम “सुन्दर” हो, जिस्सै कै बौ मन्दर मै आनै जानै बारौ सै भीक माँग सकै।