42 कैसेकै उसकी कम सै कम बारैह साल की इकलौती लौंड़िया ही, और बौ मरनै बारी ही। जब ईसु बाके घर जा रओ हो तौ रस्ता मै चारौ लंग सै भीड़ उसके ऊपर गिरी जावै ही।
और जैसेई बौ सैहर के फाटक के धौंरे पौंचो तौ लोग एक मुरदे कै बाहार लेकै जा रए हे, जो अपनी राँड़ अईया को इकलौतो लौंड़ा हो, और सैहर के भौत से लोग उसके संग हे।