22 फिर एक दिन ईसु और बाके चेला किसती मै चढ़े, और बानै उनसै कैई कै, “आऔ, झील के पल्ली पार चलैं”
इसके तुरन्त बाद ईसु नै अपने चेला मजबूर करे कै बे किसती मै चढ़कै उस्सै पैले पल्ली पार चले जाँय, इतने मै बौ लोगौ कै बिदा कर देगो।
अपने आपकै भीड़ सै घिरो देक्कै ईसु नै झील के पल्ली पार जानै को आदेस दओ।
जब ईसु किसती सै झील के उस पार फिर पौंचो, तौ झील के किनारे बाके धौंरे एक भौत बड़ी भीड़ इखट्टी हो गई।
तब ईसु नै तुरन्त अपने चेला किसती मै चढ़ाए, कै बे उस्सै पैले बैतसैदा सैहर मै चले जाँय, जब तक कै बौ लोगौ कै बिदा करै।
और ईसु लोगौ कै छोड़कै अपने चेलौ के संग किसती मै चढ़ गओ और उस पार चलो गओ।
एक दिन ईसु गन्नेसरत नाम की झील के किनारे खड़ो हो, तब भीड़ ईसु कै दबाते भए चारौ लंग सै घेरकै परमेसर को बचन सुन्नै के ताँई खड़ी ही,
जब किसती चल रई ही, तौ बौ सो गओ। तब झील मै भयंकर आँधी तोफान आ गओ और किसती पानी सै भरल लगी और बे खतरा मै पड़ गए।
तब दुसट आत्मा उस आदमी मै सै लिकरकै सूअरौ मै जा समाई और बौ झुन्ड ढलान मै सै लुढ़कते भए झील मै जा गिरो और डूबकै मर गओ।
इन बातौं के बाद ईसु गलील झील जिसकै तिबिरियास झील बी कैबै हे बाके पल्ली पार चलो गओ।
और हम अदरमुतियुम नाम की जघै सै एक पानी के जिहाज मै जाकै बैठे जो एसिया के छोटे छोटे मुलक सै होकै जानै के ताँई तईयार हो। अरितरखुस नाम को एक आदमी हो और बौ मकदूनी के थिसलुनीकिया सैहर को रैहनै बारो हमरे संग सफर कर रओ हो।