ईसु नै बासै कैई, “मैंकै मत छूँ, कैसेकै मैं अब तक अब्बा के धौंरे ऊपर ना गओ हौं, पर मेरे भईयौ के धौंरे जा, और उनकै बता कै, ‘मैं अपने अब्बा और तुमरे अब्बा और अपने परमेसर और तुमरे परमेसर के धौंरे ऊपर जाबौ हौं।’”
पर अब सै हम किसी बी आदमी कै जा दुनिया की नजरौ के हिसाब सै ना देखंगे। पर एक बखत हो जब हम मसी कै जा दुनिया के लोगौ की नजरौ के हिसाब सै देखै हे पर अब ऐंसे ना देखै हैं।