भलो आदमी अपने मन के भले भन्डार सै भली बात लिकारै है; और बुरो आदमी अपने मन के बुरे भन्डार सै बुरी बात लिकारै है; कैसेकै जो मन मै भरो है बौई उसके मौह सै बाहार आवै है।
“कटीली झाँड़िऔं मै गिरे भए बे लोग हैं, जो बचन सुनै हैं, पर अग्गे चलकै बे चिन्ता और धन और जिन्दगी के सुख विलास मै फसकै दब जावै हैं और पकनै के ताँई कोई अच्छे फल ना लाबैं हैं।
“दिया पजारकै कोई बी बाकै बरतन सै ना ढकै है, नाई खटिया के नीचे रक्खै है, पर बौ बाकै आरे मै रख देवै है, जिस्सै भीतर आनै जानै बारे बाको उज्जेरो देख सकैं।
कैसेकै मैं जानौ हौं कै मेरे भीतर यानी मेरे सरीर मै कोई बी अच्छी चीज ना बसै है। अच्छे काम कन्नै की इच्छा तौ मेरे भीतर है पर अच्छे काम मैंसै ना होवै हैं।
मेरे भईयौ, ऐंसेई मसी के सरीर के दुआरा नियम के ताँई तुम बी मर चुके हौ। इसताँई अब तुम बी उस मसी के हो गए हौ। जो मरे भएऔं मै सै फिर सै जिन्दो करो गओ है। जिस्सै हम परमेसर के ताँई अच्छे फल लाऐ।
जैसी अच्छी खबर तुमरे धौंरे आई बैसीई सिगरी दुनिया मै आई। बौ अच्छी खबर सैरी दुनिया मै फल रई है और बढ़ रई है बैसेई जिस दिन सै तुमनै अच्छी खबर सुनी और सच्चाई सै परमेसर की किरपा कै जान लओ बा दिन सै अच्छी खबर तुमरे भीतर फल रई है और बढ़ रई है।