14 “कटीली झाँड़िऔं मै गिरे भए बे लोग हैं, जो बचन सुनै हैं, पर अग्गे चलकै बे चिन्ता और धन और जिन्दगी के सुख विलास मै फसकै दब जावै हैं और पकनै के ताँई कोई अच्छे फल ना लाबैं हैं।
और कुछ बीज जो कटीली झाँड़िऔं मै बोए गए, जे बे हैं, जिनौनै परमेसर को बचन सुनो। पर दुनिया की चिन्ता, धन-दौलत को मोह परमेसर की बातौं कै दबा देवै हैं जिस्सै बामै फल ना लग पावै है।
“कोई नौकर दो मालिकौं की सेवा ना कर सकै है; कैसेकै बौ तौ एक सै बैर और दूसरे सै पियार रखैगो; या एक सै मिलो रैहगो और दूसरे की बेजती करैगो; बैसेई तुम परमेसर और धन दौनौ की सेवा एक संग ना कर सकौ हौ।”
“इसताँई चौकस रैहऔ, कहीं ऐंसो ना होए कै तुमरो मन भोग-विलास, नसा और जा जिन्दगी की चिन्ताऔं के बोज सै दब जाय और बौ दिन फंदा के हाँई अचानक तुमरे ऊपर आ पड़ै।
पथरीली जमीन मै गिरे भए बीज बे लोग हैं, जो बचन सुनतेई बाकै खुसी सै मानै हैं, पर जड़ ना पकड़ै हैं, बे कुछई टैम तक बिसवास करैं हैं और मुसीबत के टैम मै बे बहक जावै हैं।
अगर कोई मैं मै ना बनो रैहबै है, तौ बौ बा डुग्गी के हाँई फैंक दओ जावै है, जो सूक जावै है, और आदमी बाकै इखट्टो करकै आग मै जोर देवै हैं और बे जर जावै हैं।
जा दुनिया के लोगौ कै जौ हुकम दो कै बे घमंड ना करैं और खतम होनै बारी धन-दौलत के ऊपर ना, पर परमेसर मै आस रक्खैं जो हमरे सुख के ताँई जरूरत सै बी जादा देवै है।
आऔ हम मसी की सुरू की सिक्छा सै और अग्गे बढ़कै समजदार हो जाँय, जिस्सै कै बुनियाद की सिक्छा फिर सै सिकानी ना पड़ै जैसे मौत की ओर लेजानै बारे बुरे कामौ सै मन फिरानो, परमेसर मै बिसवास कन्नो,