12 और जैसेई बौ सैहर के फाटक के धौंरे पौंचो तौ लोग एक मुरदे कै बाहार लेकै जा रए हे, जो अपनी राँड़ अईया को इकलौतो लौंड़ा हो, और सैहर के भौत से लोग उसके संग हे।
तबई पतरस उनके संग चल दओ और जब बौ पौंचो तौ बे बाकै ऊपर के कमरा मै ले गए, बहाँ सिगरी राँड़ बईयरैं रोते रोते पतरस के धौंरे आँई और जो कुरता और लत्ता दोरकास नै उनके संग रैहते भए बनाए हे, जब बौ जिन्दी ही; बे पतरस कै दिखाल लगीं।
हमरे परम पिता परमेसर की नजरौ मै सुद्द और बिना दोस की भक्ति जौ है, कै मुसीबतौं मै पड़े अनाथौं और राँड़ौ की सायता करौ, और दुनिया के कलंक सै खुद कै बचाए रक्खौ।