34 अगर तुम सिरप उनई कै उधार देवौ हौ, जिनसै तुमकै बापस मिल जानै की उमीद है, तौ तुमरी का बड़ाई? ऐंसे तौ पापी बी पापिऔं कै उधार देवै हैं, कै उतनी ही रकम फिर मिल जाय।
जो कोई तेसै माँगै, उसकै दे, और जो तेसै उधार लेनो चाँहै, उस्सै मौह ना मोड़।
अगर तुम अपने भलाई कन्नै बारौं की भलाई करौ हौ, तौ तुमरी का बड़ाई? कैसेकै पापी बी ऐंसोई करैं हैं।
बलकन अपने दुसमनौ कै बी पियार करौ, उनके संग भलाई करौ। कुछ बी बापस लैनै की उमीद छोड़कै उधार दो। फिर तुमरे ताँई बड़ो ईनाम होगो; और तुम परम परमेसर की औलाद बनौगे, कैसेकै परमेसर कै जो धन्नबाद ना करैं हैं, और बुरे लोग हैं, परमेसर उनके ऊपर बी दया करै है।