नए अंगूरौं के रस कै पुरानी मटकिऔ मै कोई ना भरै है, कैसेकै नओ अंगूरौं को रस पुरानी मटकिऔ कै फाड़ देगो और अंगूरौं को रस बैह जागो और मटकिऔ को नास हो जागो; इसताँई नए अंगूरौं को रस कै नई मटकिऔ मै भरो जावै है जिस्सै बे दौनौ बची रैहबैं हैं।”
ईसु नै जौ दासतान बी सुनाई, “कोई नए कुरता कै फाड़कै बाको पुराने कुरता मै थिकरा ना लगाबै है। ना तौ बौ नओ कुरता फटो रैह जागो और नए कुरता को थिकरा पुराने कुरता के संग मेल बी ना खागो।