तुमनै सुनी, कै मैंनै तुमसै कैई, ‘मैं जा रओ हौं और फिर तुमरे धौंरे आंगो।’ अगर तुम मैंसै पियार करते तौ खुस होते, इसताँई कै मैं अब्बा के धौंरे जा रओ हौं, कैसेकै अब्बा मैंसै महान है।
पर मैं तुमसै सच कैबौ हौं कै मेरो जानो तुमरे ताँई अच्छी बात है, कैसेकै अगर मैं ना जांऔ तौ बौ सायता कन्नै बारो तुमरे धौंरे ना आगो, पर अगर मैं जांऔ तौ बाकै तुमरे धौंरे भेज दंगो।
तुमनै मसी कै देखो ना है, फिर बी तुम उस्सै पियार करौ हौ। तुम बाकै अबी देख ना पा रए हौ, मगर फिर बी बाके ऊपर बिसवास करौ हौ और एक ऐंसी खुसी और महिमा सै भरे भए हौ जिसकी कोई हद ना है।