2 उनकै कबर के मौहड़े को पत्थर लुढ़को भओ मिलो।
अचानक भारी हालोचालो भओ, परभु को एक दूत सुरग सै उतरो, कबर के धौंरे आओ और पत्थर अगल लुढ़काकै उसमै बैठ गओ।
इतवार के दिन सकारो होतेई, बे बईयरैं उन खसबोईदार मसालौं कै जो उनौनै तईयार करे हे, कबर मै लेकै आँई।
और भीतर जाकै उनकै परभु ईसु मसी की लाहस ना मिली।
और ईसु मनई मन मै फिर भौतई दुखी होकै कबर मै आओ। बौ एक गुफा ही और एक पत्थर बामै रक्खो भओ हो।
तब उनौनै पत्थर हटाओ। और ईसु नै आसमान की ओर देखो और कैई, “अब्बा मैं तेरो धन्नबाद करौ हौं कै तैनै मेरी सुन लई।