“पबित्तर चीज कुत्तौ कै मत दो कहीं ऐंसो ना हो कै बे पलट कै तुमकै फाड़ डारैं। और अपने मोती सूअरौ के अग्गे मत फैंकौ। कहीं ऐंसो ना हो कै बे उनकै अपने पाँऐऔं तले खूँदैं।
तब बानै उनसै कैई, “तुम जाऔ और उस लौमड़ी हाँई चालाँक हेरोदेस राजपाल कै बतादो, ‘सुन मैं लोगौं मै सै दुसट आत्माऔ कै लिकारंगो, मैं आज बी ठीक करंगो और कल बी। फिर तीसरे दिन तक अपनो काम पूरो करंगो।’
पबित्तर सास्तर की किताब को जो अध्याय बौ पढ़ रओ हो बौ ऐंसो हो, “बाकै बलि होनै बारी भेड़ के हाँई लेजाओ जा रओ है, और जैसे मैमना अपने ऊन कतरनै बारौ के सामने चुप रैहबै है, बैसेई बानै अपने मौह सै एक अबाज बी ना लिकारी।
जब बाकै गारी देई, तौ बानै जबाब मै गारी ना देई और जब बानै दुख उठाए तौ किसी कै धमकी ना दई, बलकन बानै खुद कै उस सच्चे नियाय कन्नै बारे परमेसर के हात मै दे दओ।