52 फिर ईसु नै जो उसकै पकड़नै आए हे, उनमै सै मुक्ख पुजारिऔं, मन्दर के सिपाईऔं के अधकारी और बुजरग यहूदी नेताऔं सै कैई, “का तुम तरवार और लठिया लेकै किसी डाँकू कै पकड़नै आए हौ?
उसई घड़ी ईसु नै भीड़ सै कैई, “का तुम तरवार और लठिया लेकै मैंकै डाँकू के हाँई पकड़नै के ताँई आए हौ? मैं रोज मन्दर मै बैठकै सिक्छा देवै हो, फिर बी तुमनै मैं ना पकड़ो।
कैसेकै मैं तुमसै कैरओ हौं कै, पबित्तर सास्तर मै लिखी भई बात, मैं मै जरूर पूरी हौंगी, ‘कै उसकी गिनती कुकरमिऔ मै भई,’ और जो कुछ मेरे बारे मै लिखो गओ है, बौ पूरो होनै मै है।”
जब मैं उनके संग हो, तौ मैंनै तेरे बा नाम सै जो तैनै मैंकै दओ उनकै बचाकै रक्खो और रक्छा करी है, बामै सै कोई नास ना होओ, सिरप बाई को जिसको नास होनो पक्को हो। इसताँई कै पबित्तर सास्तर की बात पूरी हो।
तब मन्दर के सिपाईऔं को बड़ो अपसर अपने सिपाईऔं के संग बहाँ गओ और भेजे भए चेलौ कै जबरदस्ती ना पर पियार सै लाओ कैसेकै बे लोगौ से डरै हे कै कहीं बे पत्थर ना मार दैं।