39 यूसप और मरियम परभु के नियम के अनुसार सैरे बिधि-बिधान पूरे करकै गलील मै अपने सैहर नासरत मै लौहट आए।
ईसु नै बाकै जौ जबाब दओ, “कै अब तौ ऐंसोई होन दे, कैसेकै हमकै इसई रीती सै परमेसर की इच्छा को पूरो कन्नो ठीक है।” तब यहून्ना नै ईसु की बात मान लई।
छटमे महीना मै परमेसर की ओर सै जिबराईल सुरगदूत गलील परदेस के नासरत नाम के सैहर मै एक कुँआरी के धौंरे भेजो गओ।
बे दौनौई धरमी हे। बे पूरे मन सै परभु की आगियाँऔ और नियमौ को पालन करै हे।
कैसेकै यूसप बी दाऊद के खानदान और बंस को हो, इसताँई बौ बी गलील मुलक के नासरत सैहर सै दाऊद के सैहर बैतलहम कै गओ जो यहूदिया मुलक मै है।
फिर बौ उनके संग नासरत सैहर लौहट आओ और उनके हुकम कै मानतो रैहओ। उसकी अईया नै जे सब बात अपने मन मै रक्खीं।
फिर बौ नासरत सैहर मै आओ जहाँ बौ पलो बढ़ो हो। और बौ अपने रीती के हिसाब सै यहूदिऔं के आराम कन्नै बारे दिन पिराथना घर मै जाकै पढ़नै के ताँई खड़ो भओ।
बानै उनसै कैई, “तुम मेरे ऊपर जौ कहाबत जरूर कैऔगे, कै हे बैद, अपने आपकै ठीक कर, कै जो कुछ हमनै सुनो है कै कफरनहूम मै तैनै करो है बाकै हिंया अपने मुलक मै बी कर।”