“और जब तू पिराथना करै, तौ ढौंगिऔ के जैसे ना हो कैसेकै लोगौ कै दिखानै के ताँई सभाऔं मै और सड़कौं के मोड़ौ मै खड़े होकै पिराथना कन्नो उनकै अच्छो लगै है, मैं तुमसै सच कैरओ हौं, कै बे अपनो ईनाम पा चुके हैं।
“पर ओ फरीसिऔं, तुमरे ऊपर धिक्कार है, तुम पोदीना और जीरे जैसी चीज को, और सब तरै की साग-सब्जी को दसमो हिस्सा देवौ हौ, पर नियाय कै और परमेसर के पियार कै टाल देवौ हौ; होनो तौ जौ चँईऐ हो कै तुम इन बातौं कै बी बिना टाले करते रैहते।
तुमरे संग बी ऐंसोई है। जो कुछ तुमसै कन्नै कै कैओ गओ है, उसकै कन्नै के बाद तुमकै कैनो चँईऐ, ‘हम तौ नौकर हैं’ हम किसी बड़ाई के हकदार ना हैं। हमनै तौ बस अपनो फरज पूरो करो है।”
कैसेकै कसरत सरीर के ताँई अच्छी है। पर भक्ति की जिन्दगी बासै बी जादा अच्छी है, कैसेकै इसई के ताँई हमकै जा जिन्दगी को और आनै बारी जिन्दगी को बादो मिलै है।