ईसु नै उनसै कैई, “तुम्मै बिसवास की कमी है। मैं तुमसै सच कैरओ हौं, अगर तुमरो बिसवास राई के दाने के बराबर बी है, तौ तुम इस पहाड़ सै जौ कैऔ, हिंया सै हट कै बहाँ जा, तौ बौ हट जागो, और तुमरे ताँई कुछ बी मुसकल ना होगो।”
ईसु नै उनकै जबाब दओ, “मैं तुमसै सच कैरओ हौं, अगर तुम बिसवास रक्खौ, और सक ना करौ, तौ तुम ना सिरप जौ करौगे, जो मैं अंजीर के पेड़ के संग कर चुको हौं, पर अगर इस पहाड़ सै बी कैऔगे, कै उखड़ जा, और समन्दर मै जा पड़, तौ बौ हो जागो।
“फिर ईसु नै कैई, मान लो तुम्मै सै किसी के धौंरे एक नौकर है जो हर जोतै है या भेड़ौ के चुंगावै है जब बौ खेत सै लौहटकै आय तौ का उसको मालिक बासै कैगो, ‘जल्दी आ और रोटी खानै बैठ जा?’
मैंकै अगर परमेसर की ओर सै बोलनै को बरदान मिलो है, और मैं परमेसर की सिगरी भेद की बातौं और गियान की बातौं कै समजौ हौं, और मैंकै जौ बिसवास है कै पहाड़ कै एक जघै सै दूसरी जघै मै खिस्का सकौं। पर मेरे दिल मै पियार ना है, तौ मैं कुछ बी ना हौं।