6 बानै कैई, सौ मन जैतून को तेल; तब भन्डारी नै उस्सै कैई, अपनो बही-खातो ले और बैठकै जल्दी सै इसकै पचास लिख दे।
“जब साँज भई तौ अंगूर के बगीचा के मालिक नै अपने मुनीम सै कैई, ‘मजूरौं कै बुलाऔ, बाद मै आनै बारौ सै लेकै पैले आनै बारौ तक, सबकै डिहाड़ी दे दे।’
और अगर तुम पराए धन मै ईमानदार ना भए, तौ तुमरे ताँई रक्खो भओ धन तुमकै कौन देगो?
और बानै अपने मालिक के देनदारौं मैसै एक-एक कै बुलाकै पैले आदमी सै पूँछी, ‘तेकै मेरे मालिक को कितनो देनो है?’
फिर उसनै दूसरे सै कैई, ‘और तेरे ऊपर कितनी देनदारी है?’ सौ मन गैहूं, बौ उस्सै बोलो, ‘अपनो बही-खातो लेकै अस्सी लिख दे।’
और मैं तुमसै कैरओ हौं, इस बुरी दुनिया के धन-दौलत सै अपने ताँई दूसरौं कै दोस्त बनाऔ, ताकि जब तुमरी धन-दौलत किसी काम की ना रैहगी तब तुमरो सुआगत सुरग मै होगो।
बहाँ यहूदिऔं के रिबाज के अनुसार सुद्द कन्नै के ताँई पत्थर के छै मटका रखे हे। हर एक मै कम सै कम अस्सी या एक सौ बीस लीटर पानी आवै हो।
चोरी चालाँकी ना करैं, पर सब तरै सै पूरे बिसवासी लिकरैं कै बे सब बातौं मै हमरे मुक्तिदाता परमेसर के उपदेस की सोबा बढ़ाऐं।