2 साहूकार नै बौ बुलाओ और उस्सै कैई, ‘तेरे बारे मै, मैं लोगौं सै का सुन रओ हौं? अपने काम को हिसाब किताब दे, कैसेकै अब अग्गे कै तू भन्डारी ना रैह सकैगो।’
तब भन्डारी सोचल लगो कै, ‘अब मैं का करौं? कैसेकै मेरो मालिक अब भन्डारी को काम मुस्सै छीन रओ है; मैं मै अब इत्ती तागत बी ना रैहई कै मैं खेतौ मै खुदाई, गुड़ाई को काम तक कर सकौं और भीक माँगनै मै मैंकै सरम आवै है।’
इसताँई ठैराए भए बखत सै पैलेई, परभु के आनै तक कोई किसी को नियाय ना करै, कैसेकै बौई तौ इन्धेरे मै छिपी भई बातौं कै सामने लागो, और जो बात आदमी के मन मै है। बाकै बी बौ परकट कर देगो। तब सिगरे लोगौ की बड़ाई परमेसर की ओर सै होगी।
फिर मैंनै छोटे बड़े सब मरे भएऔं कै सिंगासन के सामने खड़े भए देखो। और किताबौ कै खोलो गओ, फिर एक और किताब खोली गई यानी जिन्दगी की किताब; और जैसो किताबौ मै लिखो हो, उनके कामौ केई अनुसार मरे भएऔं को नियाय करो गओ।