तब बानै बगीचा के माली सै कैई, ‘देख, तीन साल सै मैं इस अंजीर के पेड़ मै फल ढूंड़नै आ रओ हौं, पर इसमै मैंकै एक बी फल ना मिलो, इसकै काट दे, कै जौ जमीन कै बी ना घेरे रैह?’
परभु अपने बादे कै पूरो कन्नै के ताँई देर ना करै है, जैसो कै कुछ लोग समजै हैं, पर बौ तुमरे ओर सबर रक्खै है कै कोई बी नास ना होए, पर सबई कै पापौं सै मन फिरानै को मौको मिलै।