6 फिर बानै एक दासतान कैई, “किसी के अंगूर के बगीचा मै एक अंजीर को पेड़ लगो पड़ो हो, बौ बामै फल ढूंड़नै आओ, पर बाकै कुछ बी ना मिलो।
बिलकुल ना, पर मैं तुमकै कैरओ हौं अगर तुम बी अपने पापौं कै ना छोड़ौगे तौ, तुम बी ऐंसेई नास हो जाऔगे।”
और अबी कुहाड़ी पेड़ौ की जड़ौं मै रखी पड़ी है, इसताँई जो जो पेड़ अच्छो फल ना लागो, बौ काटो और आग मै झौंको जागो।”
तुमनै मैं ना चुनो, पर मैंनै तुम चुने और तुमकै ठैराओ बी है, कै तुम फल लाऔ और तुमरो फल बनो रैह, कै तुम मेरे नाम सै जो कुछ अब्बा सै माँगौ बौ तुमकै देगो।
पर परमेसर को आत्मा को फल पियार, खुसी, सान्ति, सबर, दया, भलाई, बिसवासजोग,
मैं ऐंसो इसताँई ना कैरओ हौं कै मैं दान को भूँको हौं, पर मैं तौ ऐंसो चाँहौ हौं, कै तुमरो फाएदा होतो रैह।