34 कैसेकै जहाँ तुमरो धन है, बहीं तुमरो मन बी रैहगो।
कैसेकै जहाँ तुमरो धन है बहीं तुमरो मन बी लगो रैहगो।
“करम कन्नै के ताँई हमेसा तईयार रैहऔ। और अपने दिया पजारकै रक्खौ।
पर हमरो घर तौ सुरग मै है, और बहीं सै हम अपने मुक्ति दैनै बारे परभु ईसु मसी के आनै को पैंड़ो देख रऐ हैं।