18 “फिर बानै कैई, ‘ठीक है मैं जौ करंगो कै अपनी अन्न की कुठियौ कै तोड़कै बड़ी-बड़ी कुठिया बनबांगो और अपनो सैरो अन्न और दूसरो सामान बहीं रखंगो।
आसमान के पंछिऔ कै देखौ, बे ना तौ बोबै हैं ना काटै हैं और ना खलियानौ मै बटोरै हैं, तौबी तुमरो सुरग को अब्बा उनकै खबावै है। का तुम उनसै बढ़कै ना हौ?
बौ अपने मन मै सोचते भए कैललगो, ‘मैं का करौं, फसल रखनै के ताँई तौ मेरे धौंरे कोई जघैई ना है, जहाँ मैं अपनी फसल रक्खौं।’
फिर अपनी आत्मा सै कैंगो, अरे मेरी आत्मा तेरे ताँई भौत सालौं के ताँई अच्छी-अच्छी चीज रक्खी हैं; चैन कर, खा-पी, और मौज उड़ा।’
“ऐंसोई बौ आदमी बी है जिसनै अपने ताँई अच्छी-अच्छी चीज इखट्टी करीं, पर परमेसर की नजर मै बौ सेट ना है।”
कऊऔं कै देखौ; बे ना तौ बोबै हैं, नाई काटै हैं, ना उनके धौंरे भन्डार, और ना अन्न रखनै के ताँई कुठिया हैं। फिर बी परमेसर उनकै पालै है; तुम तौ कऊऔं सै कितने जादा कीमती हौ।
पर लम्बे टैम तक तौ बौ जज आनाकानी करतो रैहओ पर आखरी मै उसनै अपने मन मै सोचो, ‘ना तौ मैं परमेसर सै डरौ हौं और ना लोगौं की परवा करौं हौं।’
परभु ईसु नै कैई, “सुनौ, कै बौ अधरमी जज का कैबै है?
ऐंसो गियान सुरग सै ना मिलै है, पर जौ तौ दुनिया की ओर सै, सरीर के ओर सै और सैतान के ओर सै मिलै है।
सुनौ, तुम लोग जो ऐंसो कैबौ हौ कै, हम आज या कल किसी दूसरे सैहर मै जाकै बहाँ एक बरस तक रैहकै और कारोबार करकै पैसा कमांगे।
इसताँई तुमकै जौ कैनो चँईऐ कै, “अगर परभु की मरजी होगी, तौ हम जिन्दे रैहंगे और जौ या बौ काम करंगे।”