“बताऔ इन दौनौ मै सै किसनै अपने अब्बा की इच्छा पूरी करी?” उनौनै कैई, “बड़े नै।” ईसु नै उनसै कैई, “मैं तुमसै सच कैरओ हौं कै चुंगी लैनै बारे और रन्डी परमेसर के राज मै तुमसै पैले जांगे।
ईसु नै जबाब देते भए उस्सै कैई, “अगर तू परमेसर के बरदान कै जानती और जौ बी जानती कै बौ कौन है जो तुस्सै कैबै है, मैंकै पानी पिबा, तौ तू बासै माँगती और बौ तेकै जिन्दगी को जल देतो।”
कैसेकै परमेसर नै कैई ही कै, “मैंनै सई बखत मै तुमरी बिनती सुन लई, और मुक्ति के दिनौ मै मैंनै तुमरी सायता करी ही।” देखौ, जौई सई बखत है। और मुक्ति को दिन बी जौई है।
बगैर बिसवास के परमेसर कै खुस कन्नो नामुमकिन है। कैसेकै जो परमेसर के धौंरे आवै है बाके ताँई जौ बिसवास कन्नो जरूरी है, कै परमेसर है और जो बाकै ढूंड़ै है उनकै बौ ईनाम देवै है।
“पर मैं थूआतीरा के बाकी लोगौ सै कैरओ हौं जो इस सिक्छा कै ना मानै हैं, और सैतान की गैहरी बातौं कै जैसो बे कैबै हैं ना जानै हैं, उन सबौ सै मैं जौ कैरओ हौं कै मैं तुमरे ऊपर और बोज ना डारंगो।