देख परभु तेरे बिरोद मै है और अब तू थोड़े बखत के ताँई अन्धो रैहगो और तू सूरज के उज्जेरे कै बी ना देख सकैगो।” तबई बाकी आँख मै धुंदरोपन और इन्धेरो छा गओ और बौ इतै-उतै ढूंड़ल लगो कै कोई बाको हात पकड़कै बाकै ले जाऐ।
कै तू उनकी आँखौ कै खोलै जिस्सै कै बे लोग इन्धेरे सै उज्जेरे की ओर आँय और जो सैतान के फंदा मै फसे पड़े हैं, उनकै तू परमेसर के राज मै लेकै आय जिस्सै कै उनके पाप माफ हौं, और परमेसर के छाँटे भए बिसवासी लोगौ मै बे अपनी जघै बनाऐ।’
हमकै घमंड है, कै हम जौ बात कै साप मन सै बोल सकै हैं, हमनै जा दुनिया के संग और खास करकै जैसो परमेसर नै चाँहो बैसोई हमनै तुम लोगौ के संग ईमानदारी और सच्चाई के संग बरताब करो है। जे बात परमेसर की किरपा सै मिलै हैं ना कै दुनिया की मन की समज सै।
सैतान जा दुनिया को देबता है, और बानै उन लोगौ की बुद्धि बन्द करर खाई है, और बे मसी मै बिसवास ना करै हैं जो परमेसर को रूप है, जो मसी की अच्छी खबर की महिमा की चमक कै ना देख सकै हैं।
सेवकौ, जो जा दुनिया के तरीका सै तुमरे मालिक हैं तौ उनकी सिगरी बातौं कै माने करौ, और उनके सिरप देखतेई टैम ना और ना लोगौ कै खुस कन्नै के ताँई, पर सच्चे दिल सै परमेसर को डर मानते भए काम करौ।