13 जब तुम बुरे होते भए बी, अपने बालकौ कै अच्छी चीज दैनो चाँहौ हौ, तौ तुमरो सुरग मै रैहनै बारो पिता अपने माँगनै बारौ कै सबसै अच्छो ईनाम पबित्तर आत्मा काए ना देगो?”
जिस्सै तुम अपने सुरग मै रैहनै बारे अब्बा की औलाद ठैरौगे कैसेकै बौ भले और बुरे दौनौ के ऊपर अपनो सूरज उगावै है, और धरमिऔं और अधरमिऔं दौनौ के ऊपर बरखा बरसावै है।
ईसु नै जबाब देते भए उस्सै कैई, “अगर तू परमेसर के बरदान कै जानती और जौ बी जानती कै बौ कौन है जो तुस्सै कैबै है, मैंकै पानी पिबा, तौ तू बासै माँगती और बौ तेकै जिन्दगी को जल देतो।”
अगर एक आदमी की गलती के कारन, मौत नै उस एकई के दुआरा राज करो, तौ उस्सै बढ़कै बी जो लोग परमेसर के किरपा और धारमिकता के बरदान कै जादा सै जादा पावै हैं, उस एकई ईसु मसी के दुआरा जिन्दगी मै राज करंगे।
कैसेकै मैं जानौ हौं कै मेरे भीतर यानी मेरे सरीर मै कोई बी अच्छी चीज ना बसै है। अच्छे काम कन्नै की इच्छा तौ मेरे भीतर है पर अच्छे काम मैंसै ना होवै हैं।
कैसेकै हम बी पैले, मूरख और आगियाँ ना माननै बारे, और भरम मै पड़े भए और हर तरै की बुरी बासनाऔ और सुकबिलास के गुलाम हे, बैरभाव, जरन और नफरत कन्नै मै जिन्दगी बिता रए हे, हम सै लोग नफरत करै हे, और हम बी एक दूसरे सै बैर रक्खै हे।