बानै अपने पूरे टब्बर के संग जल संस्कार लओ और तबई बानै हम सै बिनती करकै कैई, “अगर तुम मैंकै परभु की भक्तन मानौ हौ, तौ मेरे घर चलौ और बहाँ रुकिओ।” तब हमकै बानै अपने घर मै लेजानै के ताँई राजी कर लओ।
और इन बातौं के अलाबा बे आलसी होनै की बजै सै अपने काम कै छोड़कै चली जावै हैं। बे दूसरौं के घरौं मै झाँकती फिरै हैं और बेकार की बात बतकाते भए लोगौ के काम मै टांग अड़ावैं हैं। बे ऐंसी बात बतकावैं हैं जिनकै ना बतकनो चँईऐ।