32 इसई रीती सै एक लेबी बी उस जघै मै आओ बौ बी उसकै देखकै कतरा कै दूसरी ओर चलो गओ,
“तबई ऐंसो भओ कै उसई रस्ता सै एक पुजारी जा रओ हो। बौ बाकै देखकै कतरा कै दूसरी ओर चलो गओ।
इसके बाद एक सामरी यातरी बहाँ सै लिकरो और उसकै देखकै बाके ऊपर तरस आओ
तबई पौलुस नै जोर सै चिल्लाकै कैई कै, “खुद कै नुकसान ना पौंचा कैसेकै हम सबई हिंयई हैं।”
तबई सिगरे लोग पिराथना घर के मुखिया सोस्थिनेस कै पकड़कै कचैरी के सामने पीटल लगे। पर राजपाल गललिओ नै जा बात की परवा ना करी।
कैसेकै आदमी खुदई के बारे मै सोचनै बारो, लालची, गप्पी, घमंड कन्नै बारो, परमेसर की बुराई कन्नै बारो, अईया-अब्बा को कैहनो ना माननै बारो, दया ना कन्नै बारो, अपबित्तर,