ईसु जैसेई अपने सफर मै लिकरो, तौ एक आदमी उसके धौंरे दौड़ते भए आओ, और उसके अग्गे घूंटे टेक्कै उस्सै पूँछी, “हे भले गुरू, हमेसा की जिन्दगी पानै के ताँई मैं का करौं?”
एक यहूदी सास्तरी ईसु के धौंरे आओ, उसनै सदूकिऔं और ईसु की बैहैस सुनी और जौ देखकै कै ईसु नै सदूकिऔं कै कैसे ठीक जबाब दओ है, उसनै ईसु सै पूँछी, सबसै बड़ो हुकम कौन सो है?
कैसेकै मैं तुमसै कैरओ हौं तुम जो बात देख रए हौ, उनकै भौत से नबी और राजा देखनो चाँहै हे, पर उनौनै बे ना देखीं और जो बात तुम सुन रए हौ, बे उनकै सुन्नो चाँहै हे, पर उनौनै बे बात ना सुनी।”