कैसेकै बौ आत्मा जो तुमकै मिली है, फिर सै दास बनानै या डरानै के ताँई ना है, बलकन बौ आत्मा तुमकै परमेसर की गोद लेई भई औलाद बनाबै है। जिस्सै हम “हे अब्बा, हे पिता” कैह कै परमेसर कै बुलाबै हैं।
मसी को खून भौत कुछ कर सकै है, मसी तौ हमेसा की आत्मा के दुआरा हमरे परमेसर के सामने निरदोस चढ़ाबो करकै खुद कै चढ़ाओ, तब तौ बाको खून जरूर मौत की ओर लेजानै बारे कामौ सै हमरे मन कै सुद्द करैगो, जिस्सै हम जिन्दे परमेसर की सेवा करैं।
जो दुख तेकै झेलने पड़ंगे, उनसै मत डर, कैसेकै देखौ, सैतान तुम्मै सै, कुछ कै जेलखाने मै डान्नै बारो है कै तुम परखे जाऔगे और तुमकै दस दिन तक सताओ जागो। तू मौत को सामनो करते बखत बी बिसवास मै ईमानदार रैह और मैं तेकै जिन्दगी को मुकट दंगो।