नियाय के दिन दक्खन की रानी इस पीड़ी के लोगौं के संग जी उठैगी और उनकै दोसी ठैरागी, कैसेकै बौ सुलेमान को गियान सुन्नै के ताँई धरती के एक कौने सै आई, और देखौ, हिंया बौ है जो सुलेमान सै बी बड़ो है।
मैं तौ पानी सै तुमकै मन फिरानै को जल संस्कार देवौ हौं, पर जो मेरे बाद आनै बारो है, बौ मैंसै महान है, मैं तौ उसके जूता के फीता खोलनै के लायक बी ना हौं, बौ तुमकै पबित्तर आत्मा और आग सै जल संस्कार देगो।
तबई यहून्ना नै उन सबई कै जौ कैते भए जबाब दओ “मैं तौ तुमकै पानी सै जल संस्कार, देरओ हौं, पर जो मैंसै जादा सकतिसाली है बौ आ रओ है, और मैं तौ उसके जूता के फीता खोलनै कै लायक बी ना हौं, पर बौ तुमकै पबित्तर आत्मा और आग सै संस्कार देगो।
बलकन अपने दुसमनौ कै बी पियार करौ, उनके संग भलाई करौ। कुछ बी बापस लैनै की उमीद छोड़कै उधार दो। फिर तुमरे ताँई बड़ो ईनाम होगो; और तुम परम परमेसर की औलाद बनौगे, कैसेकै परमेसर कै जो धन्नबाद ना करैं हैं, और बुरे लोग हैं, परमेसर उनके ऊपर बी दया करै है।
इसताँई भीड़ नै बाकै जबाब दओ, “हमनै नियम मै पढ़ो है कै मसी हमेसा रैहगो, फिर तू कैसे कैह सकै है, आदमी के लौंड़ा कै ऊँचे मै चढ़ाओ जानो जरूरी है? जौ आदमी को लौंड़ा कौन है?”
“फिलादेलफिया के बिसवासिऔ की मंडली के सुरगदूत कै जौ लिख, “जो पबित्तर और सच्चो है और जिसके धौंरे दाऊद की कूंची है, जिसकै बौ खोलै है बाकै कोई बन्द ना कर सकै है, और जिसकै बौ बन्द करै है, बाकै कोई खोल ना सकै है, बौ जौ कैबै है कै,