32 कबी ऐंसो सुनो ना गओ कै किसी नै जलम के अन्धे आदमी की आँख ठीक कर दंई।
जैसे पुराने बखत सै बौ अपने पबित्तर नबिऔ के मौह सै जौ कैतो आओ है।
दूसरे कैरए हे, “जे बात ऐंसे आदमी की ना हो सकैं हैं जिसमै दुसट आत्मा हो। का दुसट आत्मा अन्धे आदमी की आँखौ कै ठीक कर सकै है?”
हम जानै हैं कै परमेसर पापिऔं की ना सुनै है, पर जो कोई परमेसर को डर मानै है, और बाकी इच्छा पूरी करै है, तौ बौ उसकी सुनै है।
अगर जौ आदमी परमेसर की ओर सै ना होतो तौ बौ कुछ करई ना सकतो।”
फिर बिजली चमकी, ऊँची अबाज, बादरौं को गरजनो और एक ऐंसो हालोचालो आओ जैसो धरती मै आदमी कै बनाए जाने सै लेकै अब तक कबी ना आओ हो। बौ हालोचालो इत्तो बड़ो और सकतिसाली हो;