कै अन्धे देख रए हैं, लंगड़े चल रए हैं, कोढ़ी सुद्द करे जा रए हैं, बैहरे सुन रए हैं, मुरदे जिन्दे करे जा रए हैं, और कंगालौ कै अच्छी खबर सुनाई जा रई है।
जब बहाँ के रैहनै बारौ नै साँप कै बाके हात मै लटके भए देखो तौ आपस मै कैललगे कै, “का सच्ची मैई जौ आदमी खूनी है। जौ समन्दर सै तौ बच गओ पर नियाय को देबता जाकै जीनै ना देगो।”
फिर उनौनै उनकै धमकाकै छोड़ दओ, और उनकै सजा दैनै के ताँई उनमै कोई बहानो ना मिलो। कैसेकै जो चमत्कार को काम भओ हो बाकै देक्कै लोग परमेसर की बड़ाई कर रए हे।
इसताँई हम बा पियार कै जानै हैं और बाके ऊपर भरोसो रक्खैं हैं, जो परमेसर सै हमकै मिलै है। परमेसर पियार है, और जो पियार मै बनो रैहबै है, बौ परमेसर मै बनो रैहबै है और परमेसर बामै।