2 और बाके चेलौ नै जौ कैते भए बासै पूँछी, “हे गुरूजी किसनै पाप करो, जा आदमी नै या जाके अईया-अब्बा नै, कै जौ अन्धो पैदा भओ?”
उनौनै कैई, “कुछ लोग कैबै हैं, यहून्ना जल संस्कार दैनै बारो, और कुछ एलिया, और कुछ यरमिया या नबिऔ मै सै कोई एक है।”
बजारौं मै नमस्कार सुन्नो और लोगौं दुआरा गुरूजी किब्बानो जौ सब उनकै भौत परसन्द है।
पर तुम लोगौ सै अपने आपकै गुरूजी मत किब्बइओ, कैसेकै तुमरो सच्चो गुरू तौ बस एकई है और तुम सब सिरप भईया और बहन हौ।
जौ सुनकै ईसु नै उनसै कैई, “तुम का सोचो हौ, कै जे गलीली लोग बाकी दूसरे सब गलीली लोगौं सै जादा पापी हे, कै उनके ऊपर ऐंसी बिपदा पड़ी?
उसई टैम ईसु के चेलौ नै उस्सै बिनती करी, “हे गुरू, कुछ खा ले।”
जाते भए ईसु नै एक आदमी देखो जो जलम सै अन्धो हो।
उनौनै जबाब देते भए बासै कैई, “तू तौ सुरू सैई पापी हो ठीक तब सै जब सै तू पैदा भओ हो। और का तू हमकै सिकानै आओ है?” और उनौनै बौ लिकारकै बाहार कर दओ।
जब बहाँ के रैहनै बारौ नै साँप कै बाके हात मै लटके भए देखो तौ आपस मै कैललगे कै, “का सच्ची मैई जौ आदमी खूनी है। जौ समन्दर सै तौ बच गओ पर नियाय को देबता जाकै जीनै ना देगो।”