49 ईसु नै जबाब देते भए कैई, “मैं मै दुसट आत्मा ना है, पर मैं अपने अब्बा की इज्जत करौ हौं, और तुम मेरी बेजती करौ हौ।
पर जब ईसु नै जौ सुनी तौ कैई, “जौ बेमारी मौत की ना है, पर परमेसर की इज्जत के ताँई है, कै जाके दुआरा परमेसर के लौंड़ा की बड़ाई हो।”
हे अब्बा, अपने नाम की महिमा कर, तब जौ आकासवानी भई, मैंनै अपने नाम की महिमा करी है, और फिर करंगो।”
और जो कुछ तुम मेरे नाम सै माँगौगे, बौई मैं करंगो कै लौंड़ा के दुआरा अब्बा की महिमा हो।
जो काम तैनै मैंकै कन्नै कै दए हे, बाकै पूरो करकै मैंनै दुनिया मै तेरी महिमा करी है।
आदमिऔ नै जबाब दओ, “तैमै दुसट आत्मा है, कौन तेकै मार डान्नो चाँहबै है?”
और बौ जिसनै मैं भेजो हौं, मेरे संग है। बानै मैं कबी इकलो ना छोड़ो कैसेकै मैं हमेसा बौई करौ हौं जो बाकै अच्छो लगै है।”
तब बे सभा के धौंरे सै चले गए और उनकै जा बात की खुसी ही कै, “हमकै ईसु मसी के नाम सै दुख उठानै के काबिल तौ समजो गओ।”
परमेसर की बनाई भई दुनिया का तुमकै जौ बात ना सिकाबै है कै आदमी के ताँई लम्बे बार रखनो सरम की बात है।
जो सरीर धरती मै दफनाओ गओ, बौ बेजती बारो और कमजोर हो, पर जो सरीर फिर जी उठो है, बौ सकतिसाली है।
जब बाकै गारी देई, तौ बानै जबाब मै गारी ना देई और जब बानै दुख उठाए तौ किसी कै धमकी ना दई, बलकन बानै खुद कै उस सच्चे नियाय कन्नै बारे परमेसर के हात मै दे दओ।