43 जो मैं कैरओ हौं बाकै तुम काए ना समजौ हौ? इसकी बजै जौई है कै तुम मेरो बचन ना सुनौ हौ।
कैसेकै इन लोगौ की बुद्धि मारी गई है, इनौनै अपने कान बन्द करर खाए हैं, और अपनी आँख मूँद लंई हैं, ना तौ अगर बे आँखौ सै देखते, और कानौ सै सुनते, बुद्धि सै समजते और मेरी ओर लौहट आते तौ मैं इनकै भलो चंगो कर देतो।’
मैं तुमसै सच-सच कैरओ हौं, बौ टैम आ रओ है बलकन आई चुको है, जब बे जो मरे भए आदमी परमेसर के लौंड़ा की अबाज धियान सै सुनंगे, और जो सुनंगे बे जीयंगे।
मैं अपने अब्बा के नाम सै आओ हौं, और तुम मैंकै ना अपनाबौ हौ, पर अगर दूसरो कोई अपने नाम सै आय, तौ बाकै तुम अपना लोगे।
इसताँई बाके चेलौ मै सै भौतौं नै जब जौ सुनो तौ कैई, “जौ तौ कठिन बात है, इसकै कौन मान सकै है?”
अगर आदमी बौ कन्नो चाँहै, जो परमेसर की इच्छा है तौ बौ जौ जान जागो कै जो उपदेस मैं देवौ हौं बौ परमेसर को है, या मैं अपनी ओर सै देरओ हौं।
बे जौ ना जान पाए कै ईसु उनकै अब्बा के बारे मै बता रओ हो।
उनौनै ईसु कै जबाब देओ, “हम इब्राहिम के बंस के हैं और अब तक किसी के गुलाम ना भए, तौ फिर तू कैसे कैबै है, कै तुम आजाद हो जाऔगे?”
उनौनै जबाब देते भए ईसु सै कैई, “हमरो. अब्बा तौ इब्राहिम है।” ईसु नै उनसै कैई, “अगर तुम इब्राहिम की औलाद होते तौ इब्राहिम के जैसे काम करते।
“हे जिद्दी लोगौ, तुम ना तौ सुन्नो और ना समजनो चाँहौ हौ। पर हरदम अपने बापदादौं के हाँई पबित्तर आत्मा को बिरोद करौ हौ।
कोई बी समजदार ना है, कोई बी परमेसर कै ढूंड़नै बारो ना है।